
पेपर लीक पर 10 साल जेल

पब्लिक एग्जामिनेशन बिल 2024: पेपर लीक और नकल पर 10 साल जेल, ₹1 करोड़ जुर्माना
सरकारी भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक, नकल और फर्जीवाड़े पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार ने पब्लिक एग्जामिनेशन (अनुचित साधनों की रोकथाम) बिल 2024 को लोकसभा में पारित कर दिया है।
यह बिल अब राज्यसभा में भेजा जाएगा। कानून बनने के बाद दोषियों को अधिकतम 10 साल की जेल और ₹1 करोड़ तक जुर्माना हो सकता है।
क्या है पब्लिक एग्जामिनेशन (अनुचित साधनों की रोकथाम) बिल 2024?
यह विधेयक उन संगठित गिरोहों, माफियाओं और एजेंसियों पर शिकंजा कसने के लिए लाया गया है, जो सरकारी परीक्षाओं में पेपर लीक, नकल और फर्जीवाड़े में शामिल होते हैं। सरकार ने स्पष्ट किया है कि ईमानदार परीक्षार्थियों को टारगेट नहीं किया जाएगा।
बिल के दायरे में आने वाली परीक्षाएं
इस कानून में केंद्र सरकार द्वारा आयोजित प्रमुख परीक्षाएं शामिल हैं, जैसे:
- संघ लोक सेवा आयोग (UPSC)
- कर्मचारी चयन आयोग (SSC)
- रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB)
- इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनेल सेलेक्शन (IBPS)
- राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA)
अनुचित साधन (Unfair Means) क्या माने जाएंगे?
- प्रश्नपत्र या उत्तर कुंजी (Answer Key) लीक करना
- बिना अनुमति प्रश्नपत्र या OMR शीट अपने पास रखना
- OMR शीट या उत्तर पुस्तिका से छेड़छाड़
- परीक्षा के दौरान उम्मीदवार की मदद करना
- किसी अन्य व्यक्ति से प्रश्न हल करवाना
- शॉर्टलिस्टिंग या मेरिट के दस्तावेजों से छेड़छाड़
- कंप्यूटर सिस्टम या नेटवर्क हैक करना
- नकली एडमिट कार्ड या फर्जी ऑफर लेटर जारी करना
- परीक्षा से जुड़ी गोपनीय जानकारी पहले लीक करना
- परीक्षा केंद्र में अनधिकृत प्रवेश कराना
कुल 15 गड़बड़ियों को बनाया गया अपराध
प्रमुख अपराधों की सूची
- प्रश्नपत्र या आंसर की लीक करना
- नकल करवाने या लेने में शामिल होना
- परीक्षा कॉपियों के मूल्यांकन में छेड़छाड़
- सीट अरेंजमेंट, शिफ्ट या परीक्षा तिथि बदलना
- एग्जाम अथॉरिटी को धमकाना
- फर्जी परीक्षा वेबसाइट बनाना
- नकली परीक्षा आयोजित कराना
सज़ा का प्रावधान (Punishment Provision)
सामान्य अपराध
- 3 से 5 साल की जेल
- ₹10 लाख तक जुर्माना
संगठित अपराध (Organized Crime)
- कम से कम 5 साल, अधिकतम 10 साल की जेल
- ₹1 करोड़ से कम नहीं जुर्माना
- दोषी संस्था की संपत्ति जब्त
बिना वारंट गिरफ्तारी और गैर-जमानती अपराध
- पुलिस बिना वारंट गिरफ्तार कर सकेगी
- सभी अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती होंगे
- समझौते से मामला खत्म नहीं होगा
- जमानत देना मजिस्ट्रेट के विवेक पर होगा
एग्जाम सेंटर पर सख्त कार्रवाई
- दोषी पाए जाने पर एग्जाम सेंटर 4 साल के लिए सस्पेंड
- उस अवधि में कोई सरकारी परीक्षा नहीं करा सकेगा
- मिलीभगत में शामिल एजेंसी पर ₹1 करोड़ तक जुर्माना
उम्मीदवारों को राहत
- ईमानदार छात्रों पर कोई आपराधिक कार्रवाई नहीं
- उम्मीदवारों पर कार्रवाई मौजूदा प्रशासनिक नियमों के तहत ही होगी
बिल लाने की जरूरत क्यों पड़ी?
- देशभर में पेपर लीक के मामले तेजी से बढ़े
- परीक्षाएं रद्द होने से लाखों युवाओं का भविष्य प्रभावित
- अब तक कोई ठोस केंद्रीय कानून नहीं था
- संगठित गिरोहों पर सख्त कार्रवाई जरूरी थी
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह का बयान
कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह बिल
“पेपर लीक, सॉल्वर गैंग और प्रतिरूपण जैसे जघन्य अपराधों पर लगाम लगाने के लिए लाया गया है, ताकि ईमानदार युवाओं का भविष्य सुरक्षित रहे।”
राज्यों में पहले से लागू सख्त कानून
पेपर लीक पर राज्यवार सजा
- राजस्थान – उम्रकैद
- उत्तराखंड – 10 साल से उम्रकैद, ₹10 करोड़ तक जुर्माना
- गुजरात – 3 से 10 साल जेल, ₹1 करोड़ जुर्माना
- हरियाणा – 7 से 10 साल जेल, संपत्ति नीलामी
- उत्तर प्रदेश – NSA के तहत कार्रवाई
- बिहार – IT एक्ट व सख्त धाराएं
निष्कर्ष
पब्लिक एग्जामिनेशन बिल 2024 सरकारी परीक्षाओं में पारदर्शिता, निष्पक्षता और भरोसा बहाल करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
इससे पेपर लीक माफिया पर सख्त लगाम लगेगी और ईमानदार छात्रों को न्याय मिलेगा।
FAQ Schema (Rich Result Ready)
Q. पब्लिक एग्जामिनेशन बिल 2024 क्या है?
Ans. यह बिल सरकारी परीक्षाओं में पेपर लीक, नकल और फर्जीवाड़े को रोकने के लिए लाया गया केंद्रीय कानून है।
Q. पेपर लीक करने पर कितनी सजा होगी?
Ans. दोषियों को 3 से 10 साल तक की जेल और ₹1 करोड़ तक जुर्माना हो सकता है।
Q. क्या उम्मीदवारों को जेल होगी?
Ans.नहीं, ईमानदार उम्मीदवारों को इस कानून के तहत अपराधी नहीं माना जाएगा।
Q. क्या बिना वारंट गिरफ्तारी हो सकती है?
Ans. हाँ, यह अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती है, बिना वारंट गिरफ्तारी संभव है।
Q. किन परीक्षाओं पर यह कानून लागू होगा?
Ans. UPSC, SSC, RRB, IBPS और NTA द्वारा आयोजित सभी केंद्रीय परीक्षाओं पर।
PBLICERED BY- MUKESH KUMAR
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